Wednesday, 26 August 2020

पास नहीं फटकेगा कोरोना वायरस

एक मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता आपको किसी भी वायरस के संक्रमण से बचा सकती है। कोरोना वायरस बड़ी तेजी से अपने पैर पसार रहा है। ऐसे में आपको इसके संक्रमण से बचे रहने के लिए हर जरूरी उपाय करने चाहिए। ये उपाय साफ-सफाई से लेकर खान-पान की आदत से भी जुड़े हुए हैं। खासकर खाने में ऐसे फूड्स को शामिल करें, जो आपकी इम्युनिटी को बढ़ाएं। दरअसल, एक मजबूत इम्यून सिस्टम आपको कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाए रखने में मदद कर सकता है। ये फूड एंटी-वायरल और इम्युनिटी बूस्टर जैसे गुणों से भरपूर हैं, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाए रख सकते हैं।

​1. विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का करें सेवनविटामिन डी का सेवन करने से आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है, जिससे आपको कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कई गुना तक कम हो जाएगा। विटामिन डी का मुख्य स्रोत तो सूर्य को ही माना जाता है। सूर्य से आपको विटामिन डी की पूर्ति, सूर्योदय के कुछ देर बाद तक ही मिलती है। विटामिन डी के लिए आप अपनी डायट में सालमन मछली और दूध को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा फोर्टीफाइड फूड्स (ऐसे फूड्स जिनमें अलग से विटामिन को शामिल किया जाता है) के जरिए भी आप विटामिन डी का सेवन कर सकते हैं। हालांकि इस पर कई अन्य शोध अभी भी जारी हैं।

​2. मुलेठी का करें सेवनमुलेठी का सेवन करके भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-वायरल गुण आपको किसी भी प्रकार के वायरल संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है। कोरोना वायरस का संक्रमण भी वायरल संक्रमण से मिलता जुलता है। इसलिए आप मुलेठी का सेवन करके अपनी इम्युनिटी को मजबूत बना सकते हैं और कोरोना वायरस के संक्रमित होने से बचे रह सकते हैं।

3. ​दालचीनी भी रहेगा फायदेमंदइम्यून सिस्टम को मजबूत करके कोरोना वायरस से बचने के लिए आप दालचीनी का भी सेवन कर सकते हैं, क्योंकि दालचीनी में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी ( Immunomodulatory) गुण पाया जाता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-वायरल गुण सर्दी-जुकाम से भी आपको बचाने मदद कर सकता है। इसे आप खाना बनाते समय मसाले के रूप में उपयोग करें, जिससे इसमें मौजूद सारे गुण खाने के माध्यम से आपके शरीर में बड़ी आसानी से पहुंच जाएंगे।

4. ​मशरूम को भी करिए डायट में शामिलकोरोना वायरस से बचे रहने के लिए अपनी डायट में मशरूम को शामिल करना न भूलें। एक्सपर्ट के अनुसार शिटेक मशरूम को बीटा-ग्लूकोन के साथ पैक किया जाता है। यह गुण एंटीवायरल और इम्युनिटी बूस्ट करने का गुण रखता है। इस कारण से आपकी इम्युनिटी तो बूस्ट होगी ही, साथ ही साथ आपको कोरोना वायरस और अन्य संक्रमण से बचे रहने में भी मदद मिलेगी।

Sunita Patel Ajmera
(Dietician / Nutritionist)
Food & Nutrition Department
Nav-Imperial Hospital & Research Centre, Shastri Nagar, Jaipur
+91-9351145050, 7568537996
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Wednesday, 4 March 2020

इसलिए पिएं नारियल पानी

1. नारियल पानी बॉडी को हाइड्रेट करता है। नारियल पानी से स्किन के सेल्स हाइड्रेट होते हैं। इसे पीने से स्किन में निखार आता है।

2. यह सिरदर्द ठीक करने में इफेक्टिव है।

3. इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। यह वजन कम करने में मदद करता है।

4. नारियल पानी में कैल्शियम, फॉस्फोरस, होता है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं।

4. इसमें फाइबर्स होते हैं जो कब्ज, एसिडिटी जैसी पेट की प्रॉब्लम से बचाने में मदद करता है।

5. नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। इससे एनर्जी मिलती है।

6. इससे बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ती है। यह गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

7. इसमें एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं।

8. यह यूरिन इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है।

Sunita Patel Ajmera
(Dietician / Nutritionist)
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Tuesday, 18 February 2020

गुनगुना पानी है वरदान

अधिकतर लोग सुबह उठते ही चाय या कॉफी पीना पसंद करते हैं। अगर आप भी ऐसा करते है तो आपको जल्द ही अपनी इस आदत को बदल लेना चाहिए। एक स्वस्थ्य शरीर के लिए रोजाना कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना अनिवार्य है। आइए, पानी कब और कैसे पीना है, से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर विचार करते हैं-

1. मोटापा - गुनगुना पानी वजन घटाने में बहुत मददगार होता है। रोज़ सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में आधा नींबू व एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर स्लिम होता है।

2. बुखार व दर्द - बुखार, सिरदर्द व बाॅड़ी-एक में गुनगुना पानी लाभदायक होता है।

3. टांसिल्स - गले में टांसिल्स होने पर या गला खराब होने पर गुनगुने पानी में 7 चुटकी नमक डालकर गरारे करने से गले की परेशानी में शीघ्र आराम मिलता है।

4. कब्ज़ एवं गैस - नियमित रूप से सुबह खाली पेट और रात में खाने के बाद गुनगुने पानी के सेवन से कब्ज़ एवं गैस से राहत मिलती है। नित्य एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस, काली मिर्च व काला नमक डालकर पीने से पेट का भारीपन दूर होता है, भूख भी खुलकर लगती है। सुबह जल्दी उठकर खाली पेट कम से कम 3-4 गिलास गुनगुना पानी पीने से हमारे शरीर की पाचन क्रिया तेज होती है और खाने का डीकंपोजीशन बढ़ता है।

5. जुकाम - जुकाम में गुनगुना पानी पीने से कफ और सर्दी शीघ्र दूर होते हैं।

6. ब्लड सर्कुलेशन व स्वस्थ हृदय - नित्य गुनगुना पानी का सेवन करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है एवं ह्रदय भी स्वस्थ रहता है।

7. पथरी - अगर कोई व्यक्ति पथरी की समस्या से परेशान हैं तो वह सुबह शाम दोनों समय भोजन करने के पश्चात एक गिलास गुनगुने पानी का सेवन अवश्य ही करें।

8 एजिंग - उम्र से पहले बुढ़ापा आना यह एक बड़ी समस्या है। सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने से प्रीमेच्योर एंजिंग की समस्या से बचा जा सकता है।

9. टॉक्सिन्स - नित्य गुनगुना पानी पीने से शरीर में उपस्थित टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाते है।

10. त्वचा रोग - गुनगुना पानी त्वचा के लिए रामबाण है। अगर आपको त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ रहती है, त्वचा में कील-मुहाँसे, पिंपल्स, छोटे-छोटे दाने-फुन्सियां निकलती हैं तो नित्य सुबह-शाम एक गिलास गुनगुना पानी चाय की तरह चुस्कियाँ लेते हुए पीना शुरू कर दें। इससे आपकी त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ दूर हो जाएंगी तथा आपकी त्वचा चमकने भी लगेगी।

11. दिन के समय ज्यादा पानी पीएं और शाम होते-होते इसकी मात्रा कम कर दें। रात को सोने से पहले तीन घूंट पानी ही पीएं। खाना खाने से कम-से-कम 30 मिनट पहले एवं भोजन करने के 1 घंटे बाद पानी पीने से पाचन सही होता है।

12. किसी भी तरह की एक्सरसाइज करें तो थोड़ी मात्रा में पानी पी लें। इससे आपकी मांसपेशियों को एनर्जी मिलेगी। जब घर से बाहर निकल रहे हों तो पानी पीकर ज़रूर निकलें।

Sunita Patel Ajmera
(Dietician / Nutritionist)
Food & Nutrition Department
Imperial Hospital & Research Centre, Shastri Nagar, Jaipur
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Friday, 7 February 2020

पतला रक्त , स्वस्थ शरीर

रक्त का गाढ़ा होना हमारे शरीर के लिए बहुत खतरनाक है। आजकल रक्त के गाढ़ेपन की समस्या बहुत ही सामान्य हो चली है। इसके लिए कहीं-ना-कहीं हमारा गलत खान-पान और बिगड़ती जीवन-शैली भी जिम्मेदार है। रक्त गाढ़ा होने के कारण हृदय संबंधी रोग, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, असामान्य रक्त-संचार एवं रक्त-चाप, रक्त-अल्पता, शरीर के भीतर रक्त का थक्का बनना आदि बहुत सी परेशानियाँ होने लगती हैं। यदि हमारा रक्त पतला रहेगा तो हमारा शरीर 70 प्रतिशत रोगों से दूर रह सकता है। गाढ़े रक्त को पतला करने के लिए दवाओं का सेवन करने के अलावा भी कई ओर तरीके हैं:-

1. हल्दी - औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी में कुरकुमिन नामक पदार्थ पाया जाता है जो शरीर के अंदर रक्त के थक्के को बनने से रोकने में सहायक तत्व प्लेटलेट का निर्माण करता है।

2. लहसुन - लहसुन एक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट है जो शरीर में जमा फ्री-रेडिकल्स का सफाया करता है। फलतः रक्त-चाप एवं रक्त-संचार (रक्त-प्रवाह) सामान्य हो जाता है, साथ-ही रक्त भी पतला होने लगता है।

3. व्यायाम / योग - रक्त को साफ रखने और गाढ़ा होने से बचाने के लिए व्यायाम / योग के माध्यम से शरीर से पसीना बहाना बहुत जरूरी है। सुबह के समय शुद्ध ऑक्सीजन सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है। गहरी सांस लेने से फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे रक्त-संचार सही रहता है।

4. त्वचा के रोम छिद्रों को साफ रखना - हमारी त्वचा पर इकट्ठा हुई मृत त्वचा के कारण हमारे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं, जिससे हमारा रक्त-संचार प्रभावित होता है। इन रोम छिद्रों को खोलने के लिए महीने में एक या दो बार मैनीक्योर, पेडीक्योर जरूर करवाएं ताकि मृत त्वचा की कोशिकाएं शरीर से बाहर निकल सके और रक्त का संचार भी बेहतर हो सके।

5. सौंफ और मिश्री - समान मात्रा में सौंफ और मिश्री का पीसा हुआ मिश्रण प्रतिदिन सुबह-शाम पानी के साथ लगभग 2 महीने तक सेवन करने से रक्त-चाप एवं रक्त-संचार को नियंत्रित रहता है। साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है तथा रक्त भी साफ हो जाता है, जिससे हमारी त्वचा भी सुंदर हो जाती हैं।

6. अदरक - सेलिसिलेट तत्व से एसिटाइल सेलिसिलिक एसिड उत्पन्न होता है, जिसे एस्पिरिन भी कहा जाता है। यह तत्व अदरक में पाया जाता है जो कि रक्त को पतला करके स्ट्रोक से बचाव करता है। इसके अलावा अदरक मांस-पेशियों की सूजन को भी कम करती है।

7. फाइबर युक्त आहार - रक्त को साफ करने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करना बहुत जरूरी है। इससे पाचन शक्ति अच्छी रहती है और शरीर में रक्त का संतुलन भी सही रहता है। ब्राउन-राइस, हरी सब्जियां, सलाद, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, मूली, शलजम, ताजे फल, सेब या इनका रस डाइट में शामिल करने से शरीर में न केवल रक्त की मात्रा बढ़ेगी, बल्कि रक्त को साफ करने में भी मदद मिलती है।

Sunita Patel Ajmera
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Thursday, 23 January 2020

काले नमक का स्वाद

1. मजबूत हड्डियां - काले नमक में उपस्थित पोषण हड्डियों के लिए आवश्यक खनिज पदार्थों की कमी को पूरा करता है जिससे हमारी हड्डियों को मजबूती मिलती है।

2. नींद - काले नमक के पानी में उपस्थित पोषण कार्टिसॉल और एड्रनलाईन जैसे तनाव बढाने वाले हार्मोन्स् के प्रभाव को कम करते हैं जिससे नींद काफी अच्छी आती है।

3. दमकती त्वचा - काले नमक के पानी में उपस्थित क्रोमियम और सल्फर हमारी त्वचा को साफ और कोमल बनाता है और मुंहासे, रैशेज की समस्या भी नहीं रहती है।

4. एंटीबैक्टीरियल गुण - काले नमक के पानी में स्वास्थ्यवर्धक खनिज पदार्थ होने के कारण यह एक बेहतरीन एंटीबैक्टीरियल का काम करता है जो हमारे शरीर को कई तरह के रोगों से बचाएं रखता है।

5. पाचन - काला नमक हमारे पेट में मौजूद प्राकृतिक नमक, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और प्रोटीन को पचाने वाले इंजाइम्स को सक्रिय करके हमारे पाचन तंत्र को और अधिक मजबूत बनाता है।

6. मोटापा - काले नमक का पानी पाचन को ठीक करके हमारे शरीर की वसा को घटाने की प्रक्रिया को तेज करता है जिसके कारण हमारा मोटापा तेजी से घटने लगता है।

7. गले की खराश - काले नमक के पानी में उपस्थित पोषण गले की खराश को दूर करता है और गले में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को भी खत्म करता है।

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Wednesday, 8 January 2020

दोबारा गर्म ना करें खाना

चाय - चाय में टैनिक एसिड होता है जो हमारे शरीर में टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ाते हैं। इसलिए चाय को दोबारा गर्म करके पीने पर एसिड की मात्रा बढ़ेगी और लिवर की समस्या हो सकती है।

पालक - पालक में नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती है। इसे दोबारा गर्म करके खाने पर यह नाइट्रेटए कार्सिनोजेनिक में बदल जाता है जिससे टॉक्सिन्स पैदा होने लगता हैं।

मांस - मांस में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जिसे दोबारा गर्म करके खाने से उसमें उपस्थित प्रोटीन का कम्पोज़िशन बदल जाता है जिससे इनडाइजेशन की समस्या हो जाती है।

अंडे - अंडे में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है जिसे दोबारा गर्म करके खाने से टॉक्सिन्स पैदा होने लगते हैं जिससे इनडाइजेशन की संभावना बढ़ती है। 

आलू - आलू गर्म करने के बाद ठंडा करने के दौरान उसमें बोलिज्म बैक्टीरिया पैदा हाने लगते हैं। आलू को दोबारा गर्म करके खाने पर उसमें बैक्टीरिया की संख्या बढ़ने लगती है जिससे फूड पाॅइज्निंग हो सकती है।

खाद्य तेल - खाद्य तेलों में एल्डिहाइड्स होता है जिसे दोबारा गर्म करने पर इसमें टॉक्सिन्स पैदा होने लगते हैं जिससे कैंसर की संभावना बढ़ती है।

चावल - चावल को पकाने पर उसमें बेसिलस सेरियस बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं। इसे दोबारा गर्म करके खाने से चावल में मौजूद इस बैक्टीरिया की संख्या दोगुनी हो जाती है जिससे डायरिया हो सकता है।

चुकदर - चुकदर में नाइट्रेट्स की मात्रा अधिक होती है जिसे दोबारा गर्म करके खाने पर हमारे शरीर में टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ने लगती है।

मशरूम - इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जिसे दोबारा गर्म करके खाने से उसमें मौजूद प्रोटीन का कंपोजिशन बदल जाता है जिसके कारण इनडाइजेशन और हृदय रोगों की समस्या बढेगी।                                                                                                                                                                                                   
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