Tuesday 18 February 2020

गुनगुना पानी है वरदान

अधिकतर लोग सुबह उठते ही चाय या कॉफी पीना पसंद करते हैं। अगर आप भी ऐसा करते है तो आपको जल्द ही अपनी इस आदत को बदल लेना चाहिए। एक स्वस्थ्य शरीर के लिए रोजाना कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना अनिवार्य है। आइए, पानी कब और कैसे पीना है, से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर विचार करते हैं-

1. मोटापा - गुनगुना पानी वजन घटाने में बहुत मददगार होता है। रोज़ सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में आधा नींबू व एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर स्लिम होता है।

2. बुखार व दर्द - बुखार, सिरदर्द व बाॅड़ी-एक में गुनगुना पानी लाभदायक होता है।

3. टांसिल्स - गले में टांसिल्स होने पर या गला खराब होने पर गुनगुने पानी में 7 चुटकी नमक डालकर गरारे करने से गले की परेशानी में शीघ्र आराम मिलता है।

4. कब्ज़ एवं गैस - नियमित रूप से सुबह खाली पेट और रात में खाने के बाद गुनगुने पानी के सेवन से कब्ज़ एवं गैस से राहत मिलती है। नित्य एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस, काली मिर्च व काला नमक डालकर पीने से पेट का भारीपन दूर होता है, भूख भी खुलकर लगती है। सुबह जल्दी उठकर खाली पेट कम से कम 3-4 गिलास गुनगुना पानी पीने से हमारे शरीर की पाचन क्रिया तेज होती है और खाने का डीकंपोजीशन बढ़ता है।

5. जुकाम - जुकाम में गुनगुना पानी पीने से कफ और सर्दी शीघ्र दूर होते हैं।

6. ब्लड सर्कुलेशन व स्वस्थ हृदय - नित्य गुनगुना पानी का सेवन करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है एवं ह्रदय भी स्वस्थ रहता है।

7. पथरी - अगर कोई व्यक्ति पथरी की समस्या से परेशान हैं तो वह सुबह शाम दोनों समय भोजन करने के पश्चात एक गिलास गुनगुने पानी का सेवन अवश्य ही करें।

8 एजिंग - उम्र से पहले बुढ़ापा आना यह एक बड़ी समस्या है। सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने से प्रीमेच्योर एंजिंग की समस्या से बचा जा सकता है।

9. टॉक्सिन्स - नित्य गुनगुना पानी पीने से शरीर में उपस्थित टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाते है।

10. त्वचा रोग - गुनगुना पानी त्वचा के लिए रामबाण है। अगर आपको त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ रहती है, त्वचा में कील-मुहाँसे, पिंपल्स, छोटे-छोटे दाने-फुन्सियां निकलती हैं तो नित्य सुबह-शाम एक गिलास गुनगुना पानी चाय की तरह चुस्कियाँ लेते हुए पीना शुरू कर दें। इससे आपकी त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ दूर हो जाएंगी तथा आपकी त्वचा चमकने भी लगेगी।

11. दिन के समय ज्यादा पानी पीएं और शाम होते-होते इसकी मात्रा कम कर दें। रात को सोने से पहले तीन घूंट पानी ही पीएं। खाना खाने से कम-से-कम 30 मिनट पहले एवं भोजन करने के 1 घंटे बाद पानी पीने से पाचन सही होता है।

12. किसी भी तरह की एक्सरसाइज करें तो थोड़ी मात्रा में पानी पी लें। इससे आपकी मांसपेशियों को एनर्जी मिलेगी। जब घर से बाहर निकल रहे हों तो पानी पीकर ज़रूर निकलें।

Sunita Patel Ajmera
(Dietician / Nutritionist)
Food & Nutrition Department
Imperial Hospital & Research Centre, Shastri Nagar, Jaipur
+91-9351145050, 7568537996
https://www.imperialhospitalindia.com 

Friday 7 February 2020

पतला रक्त , स्वस्थ शरीर

रक्त का गाढ़ा होना हमारे शरीर के लिए बहुत खतरनाक है। आजकल रक्त के गाढ़ेपन की समस्या बहुत ही सामान्य हो चली है। इसके लिए कहीं-ना-कहीं हमारा गलत खान-पान और बिगड़ती जीवन-शैली भी जिम्मेदार है। रक्त गाढ़ा होने के कारण हृदय संबंधी रोग, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, असामान्य रक्त-संचार एवं रक्त-चाप, रक्त-अल्पता, शरीर के भीतर रक्त का थक्का बनना आदि बहुत सी परेशानियाँ होने लगती हैं। यदि हमारा रक्त पतला रहेगा तो हमारा शरीर 70 प्रतिशत रोगों से दूर रह सकता है। गाढ़े रक्त को पतला करने के लिए दवाओं का सेवन करने के अलावा भी कई ओर तरीके हैं:-

1. हल्दी - औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी में कुरकुमिन नामक पदार्थ पाया जाता है जो शरीर के अंदर रक्त के थक्के को बनने से रोकने में सहायक तत्व प्लेटलेट का निर्माण करता है।

2. लहसुन - लहसुन एक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट है जो शरीर में जमा फ्री-रेडिकल्स का सफाया करता है। फलतः रक्त-चाप एवं रक्त-संचार (रक्त-प्रवाह) सामान्य हो जाता है, साथ-ही रक्त भी पतला होने लगता है।

3. व्यायाम / योग - रक्त को साफ रखने और गाढ़ा होने से बचाने के लिए व्यायाम / योग के माध्यम से शरीर से पसीना बहाना बहुत जरूरी है। सुबह के समय शुद्ध ऑक्सीजन सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है। गहरी सांस लेने से फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे रक्त-संचार सही रहता है।

4. त्वचा के रोम छिद्रों को साफ रखना - हमारी त्वचा पर इकट्ठा हुई मृत त्वचा के कारण हमारे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं, जिससे हमारा रक्त-संचार प्रभावित होता है। इन रोम छिद्रों को खोलने के लिए महीने में एक या दो बार मैनीक्योर, पेडीक्योर जरूर करवाएं ताकि मृत त्वचा की कोशिकाएं शरीर से बाहर निकल सके और रक्त का संचार भी बेहतर हो सके।

5. सौंफ और मिश्री - समान मात्रा में सौंफ और मिश्री का पीसा हुआ मिश्रण प्रतिदिन सुबह-शाम पानी के साथ लगभग 2 महीने तक सेवन करने से रक्त-चाप एवं रक्त-संचार को नियंत्रित रहता है। साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है तथा रक्त भी साफ हो जाता है, जिससे हमारी त्वचा भी सुंदर हो जाती हैं।

6. अदरक - सेलिसिलेट तत्व से एसिटाइल सेलिसिलिक एसिड उत्पन्न होता है, जिसे एस्पिरिन भी कहा जाता है। यह तत्व अदरक में पाया जाता है जो कि रक्त को पतला करके स्ट्रोक से बचाव करता है। इसके अलावा अदरक मांस-पेशियों की सूजन को भी कम करती है।

7. फाइबर युक्त आहार - रक्त को साफ करने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करना बहुत जरूरी है। इससे पाचन शक्ति अच्छी रहती है और शरीर में रक्त का संतुलन भी सही रहता है। ब्राउन-राइस, हरी सब्जियां, सलाद, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, मूली, शलजम, ताजे फल, सेब या इनका रस डाइट में शामिल करने से शरीर में न केवल रक्त की मात्रा बढ़ेगी, बल्कि रक्त को साफ करने में भी मदद मिलती है।

Sunita Patel Ajmera
(Dietician / Nutritionist)
Food & Nutrition Department
Imperial Hospital & Research Centre, Shastri Nagar, Jaipur
+91-9351145050, 7568537996
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